दिनेश भाई
क्या ढूंढते आप
अख़बार में
चोरी डकैती
रेप की ही खबरे
बिकें बाजार में
सारे पेपर
भरे पड़े नेताओं
की ख़बरों से
मैंने तो छोड़ा
पढ़ना अख़बार
बचा समय
दिनेश रस्तोगी भाई को सादर समर्पित
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