मेंह से नेंह
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मेंह से भीगे
तन और नेंह से
तन औ मन
नेंह करेगा
वोह राज करेगा
तन मन पे
बारिश आई
सुहाना मौसम है
आइये मिलें
रूठना और
मनाने के बहाने
करिये प्रीत
अच्छा लगे
तो इकरार करें
प्यार करें
अच्छे लगे
ये हायकू तो भाई
सम्मान करें
(समाप्त)
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
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