Friday 22 July 2016

हायकू श्रृंखला "धरती माँ "

सुप्रभात मित्रों

आज प्रस्तुत करता हूँ चंद हायकू " धरती माँ " पर जो हम सबकी माँ हैं  और आकाश पिता के साथ मिलकर हमें जीवन देती हैं और हमारा भरण पोषण करती हैं और मरने के बाद हमें   अपने   में    मिलाकर शरण देती है....

ऐसी अपनी " धरती माँ "से हम कभी उऋण नहीं हो सकते..उन्हें नमन कर प्रस्तुत हैं  "

हायकू ...."धरती माँ

धरती माँ
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धरती   है   माँ
तो     आकाश   पिता है
हम      संतान

धरती       देती
खाना      पीना   रहना
रक्षा    आकाश

धरती        सहे
सारा        भार   हमारा
करती      प्यार

ये      धरती  है
हमारी         मातृभूमि
गर्व       हमारा

धरती       मिल
आकाश   पिता   संग
पालती       हमें

नही       उऋण
हो    सकते    हैं   हम
माँ    हमारी   ये

(समाप्त)

अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव

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