सुप्रभात
मित्रों आज चंद हायकू "चाँद -चाँदनी"पर ..हम सब जानते हैं कि चाँद और चाँदनी एक दुसरे से स्वतंत्र नहीं मिलते हैं..यानि चाँद बिना चाँदनी नहीं दिखता ...और चाँदनी चाँद के बिना ........अपना अस्तित्व खो देती है..
मैं उस चाँद की बात नहीं करता जिस पर इंसान अपने झंडे गाड़ आया है..ये वोह चाँद है जिसे लेकर कवियों ने प्रेम गीत बनाये..जिसके बिना प्रेम की कल्पना अधूरी है..
जैसे "तू मेरा चाँद मैं तेरी चाँदनी..." या "न ये चाँद होगा न तारे रहेंगे...आदि आदि हज़ारों गाने..
हायकू..
चाँद - चाँदनी
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चाँद चाँदनी
बिन एक दूजे के
रह न पाते
चाँद भेजता
चाँदनी धरा पर
फैलता प्रेम
चाँद चेहरा
तुम्हारा कहूँ तो हो
खुश प्रेमिका
चाँद फैलाये
सन्देश प्यार और
शीतलता का
चँदा के साथ
चाँदनी होती सदा
पिया मैं तेरे
चाँदनी चाँद
साथ जीते मरते
प्यार करते
(समाप्त)
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
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