सुप्रभात मित्रों...
आज "माँ " को समर्पित चंद हायकू..
मेरी प्यारी माँ
बना तुम्हारा प्यार ..
वज़ूद मेरा
तुम लायीं तो
आया मैं भी जहाँ में
मेरी प्यारी माँ
तुमने मुझे
सिखाया जीना भी माँ
नादान था मैं
बसी जन्नत
तेरे क़दमों तले
मेरे लिये माँ
आप जहाँ भी
रहो कृपा करना
ऐ प्यारी मम्मा
(समाप्त)
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
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