सुप्रभात मित्रों ..आज कुछ हायकू विभन्न विषयों पर... ?
बैठ मुँडेर
करता काँव काँव
आते साजन
जाल बिछाया
कबूतरों के लिये
फँसे बटेर
तेरी कसम
झूँठ नहीं बोलूँगा
कभी न बोला
तुमसे हसीं
न कोई मिला मुझे
करो यकीन
उधार कैंची
प्रेम की भाई ठीक
सौ रूपये दो
हँस चला जो
कौव्वे की चाल भाई
भूला अपनी
गम न करो
जो कोई न समझे
बातें आपकी
आत्मविश्वास
से भरपूर जियो
विश्व विजय
अपनी अक्ल
बने अपना बल
निश्चित जीत
छोटे द्वन्द से
होती नहीं निश्चित
हार या जीत
निराशा नहीं
युद्ध करो अर्जुन
कहते कृष्ण
(समाप्त)
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नमस्कार मित्रों
आज के हायकू "प्रदूषण" पर ...जो सब जगह व्याप्त है और किसी परिचय का मोहताज नहीं है..
सब जानते हैं ये खतरनाक और जानलेवा है पर हमारी लापरवाही और अज्ञान ने इसे असाध्य रोग बना दिया है...और हम ही इस स्थिति को सुधार भी सकते हैं...
प्रदूषण
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1) ग्रस्त सभी
जल थल आकाश
प्रदूषण से
2) आदमी जिन्दा
और है परेशान
प्रदूषण से
3) करता स्वयं
आरोप औरों पर
प्रदूषण का
4) प्रदूषण से
बचना चाहें आप
पहल स्वयं
5) मनुष्य स्वयं
चुनता रास्ते ऐसे
हो प्रदूषण
6) जानलेवा है
बचें प्रदूषण से
अच्छी आदत
(समाप्त)
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नमस्कार मित्रों
आज चंद हायकू "बीमार बच्ची "...एक ऐसी परिस्थिति जिससे व्यक्तिगत तौर पर मैं और मेरे नज़दीकी लोग गुज़र रहें हैं..
बीमार बच्ची
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1) बीमार बच्ची
वेंटीलेटर पर
अर्ज ख़ुदा से
2) बख्शें सेहत
नादाँ है प्यारी बच्ची
उम्र है कम
3) बहते आँसू
माँ बाप परिजन
आस ख़ुदा से
4) हो जाये कृपा
आपकी भगवन
दूर निराशा
5) मेरी है चिंता
बाबा हूँ मैं उसका
बीमार बच्ची..
(समाप्त)
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नमस्कार मित्रों.
प्रसन्नता की बात है कि नवीनतम अप्डेट्स के अनुसार उसकी तबियत में तेज़ी से सुधार हो रहा है और ..यह आप सब मित्रों की दुवावों और प्रार्थना का असर है..कृपया इसे जारी रक्खें ..हार्दिक आभारी हूँ इस कठिन समय पर साथ के लिये...
1)मित्र हैं सच्चे
कठिन समय पे
काम जो आये
2) अभिभूत हूँ
इंसानियत देख
मित्रगणों की
3) मित्र कसौटी
आपदा के समय
रहते साथ
(समाप्त)
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